Tuesday 7 February 2017

क्यु नही चुना था द्रौपदी ने कर्ण को अपना पति ?

                                                                                                                                                                   
'नहीं देखा था किसी ने बचपन उसका ,पांच पति हुए भी जिसे मिल न पाई सुरक्षा ,जीवन भर तरसी एक बूंद प्रेम को। '
 इन विशेषताओ को पढ़कर कोई भी कल्पना कर सकता हे की हम महाभारत की सबसे चर्चित पात्र द्रौपदी की बात कर रहे हे। द्रौपदी के बारे में कहा जाता हे की उनका जन्म प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि राजा द्रुपद ने एक यज्ञ करके द्रौपदी और अपने पुत्र दृष्ट्ध्रूम को प्राप्त किया था। द्रुपद ने कई वर्षो तक अपनी पुत्री द्रौपदी को स्वीकार नही किया था।

क्या आप जानते हे की पांच पतियो से विवाह करने के बाद पांचाली बनी द्रौपदी को अर्जुन से नहीं बल्कि महारथी और दानवीर माने जाने वाले कर्ण से प्रेम था। लेकिन अपने पिता द्रुपद के भीष्म से प्रतिशोध लेने की प्रतिज्ञा और मान सन्मान के कारण द्रौपदी और कर्ण कभी एक दूसरे को अपने मन की बात नहीं कर सके।

जब द्रौपदी के स्वयंवर के लिए राजा द्रुपद ने द्रौपदी के कक्ष में दासी द्वारा महान राजाओ के चित्र भिजवाए थे,तो उनमे कर्ण का चित्र भी था क्योंकि दुर्योधन का मित्र होने के कारण सभी कर्ण का सनमान करने के साथ उन्हें राजश्री परिवार के वंश की तरह मानते थे।

जब पांसो के खेल में पांडव अपना सबकुछ हारते हुए द्रौपदी को दाव पे लगा चुके थे ,इस दौरान सभी खेल के नियम का बाहाना बनाकर मौन थे जबकि द्रौपदी को सभा में मौजूद कर्ण से सहायता की उम्मीद थी।

कर्ण द्रोपदी को पसंद करता था और उसे अपनी पत्नी बनाना चाहता था साथ ही द्रौपदी भी कर्ण से बहुत प्रभावित थी और उसकी तस्वीर देखते ही यह निर्णय कर चुकी थी कि वह स्वयंवर में उसी के गले में वरमाला डालेगी। लेकिन फिर भी उसने ऐसा नहीं किया।

द्रोपदी और कर्ण, दोनों एक-दूसरे से विवाह करना चाहते थे लेकिन सूतपुत्र होने की वजह से यह विवाह नहीं हो पाया। नियति ने इन दोनों का विवाह नहीं होने दिया, जिसके परिणामस्वरूप कर्ण, पांडवों से नफरत करने लगा।

द्रोपदी ने कर्ण के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया क्योंकि उसे अपने परिवार के सम्मान को बचाना था। क्या आप जानते है द्रौपदी के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा देने के बाद कर्ण ने दो विवाह किए थे। इसके बारे में फ़िर कभी विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे ।

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